वर्क फ्रॉम होम अब कई कर्मचारियों के लिए एक वास्तविकता बन चुका है। इसीलिए तकनीक से लेकर खुद के व्यवहार तक में हमें कुछेक चीजों पर ध्यान देना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि घर से काम करने का यह नया बदलाव तकनीक की बदौलत भविष्य में भी हमारे साथ बना रह सकता है। तो वर्क फ्रॉम होम की कुछ बातें आप गांठ बांध लें, ताकि आप ऑफिस का काम पूरी कुशलता से अंजाम दे सकें।
अनुशासन-आत्मसम्मान
- अपने काम के लिए एक समर्पित जगह बनाएं। कभी बेड से, तो कभी सोफा पर काम करने से आपमें ऊर्जा कम होती जाएगी। - काम से संबंधित सारी स्टेशनरी व जरूरी चीजें आसपास ही रखें। ताकि बार-बार उठना ना पड़े। - मीटिंग से पहले दूसरों को कनेक्ट करने में मदद करें। - ऑफिस वर्क पर बैठें, तो अच्छी ड्रेस पहनें। ताकि आपका मेंटल सेटअप भी ऊर्जापूर्ण और उत्साही बना रहे। याद रखिए कि आपका कार्य के प्रति समर्पण भी इससे झलकता है, जो आपकी छवि को सम्मानजनक बनाता है। - काम के घंटे पूरे जरूर करें। - इसके बीच में अपने लिए ब्रेक का वक्त भी रखें। - नियमित ऑफिस वाले दिनों की तरह ही अपने अगले दिन के कामों की लिस्ट बना लें। - मीटिंग होने की सूरत में उसके लिए पहले से तैयारी कर लें। जैसे कि लॉग इन होना, मीटिंग के पॉइंट्स निर्धारित कर लेना। - घर से काम करते हुए यह बहुत जरूरी है कि आप पावर और नेट का सही इंतजाम रखें। क्योंकि जब कार्य की यही स्थितियां हैं, तो इसकी दुहाई देना आपकी छवि के लिए ठीक नहीं होगा। - मीटिंग से पहले प्रेजेंटेशन, रिपोट्र्स वगैरह अपनी संबंधित टीम मेंबर्स से शेयर कर लें। ताकि आप जो कहें, वह सभी को समझ भी आ सके। - अपने सिस्टम में एंटीवायरस प्रोग्राम्स, फायरवॉल्स, मालवेयर आदि के लिए समय-समय पर चेकिंग करते रहें। - एक चेकलिस्ट तैयार करें, जिसमें छोटे-छोटे टारगेट पर खुद को कुछ अवॉर्ड दें।
शारीरिक सेहत
- स्वस्थ शरीर में ऑक्सीजन लेवल दुरुस्त रखने के लिए व्यायाम करें। - काम के दौरान न्यूनतम तीन लीटर पानी जरूर पिएं। - लैपटॉप को अपनी आंखों के बराबर के स्तर पर या पांच सेंटीमीटर ऊंचा रखें। लंबे समय तक सिर नीचा करके काम करने पर गर्दन की मांसपेशियों पर भी असर आता है। - वर्क फ्रॉम होम में अपने काम करने की जगह आरामदायक होना बहुत जरूरी है। सही लाइट्स, रीढ़ की हड्डी को सही पोजीशन में रखने वाली आरामदायक कुर्सी का होना जरूरी है। - फोन कॉल्स को आप टहलते हुए कर सकते हैं, इस तरह आपको सीट से उठने का मौका भी मिलता है और साथ ही अपनी काम की जगह से थोड़ा ब्रेक भी। - हर दो घंटे में पांच या दो मिनट के लिए स्ट्रेचिंग, नेक, शोल्डर और पीठ आदि के लिए स्ट्रेचिंग जरूर करें।
मोटिवेशन बनाएं
जो स्थितियां हैं, उनमें काम के दौरान खुद को निराशा से बचाए रखना और उत्साहित रखना बहुत जरूरी है। इस बात से परेशान ना हों कि काम के दौरान घर के शोर आदि भी सुनाई पड़ते हैं। इस स्थिति को मन से स्वीकार कर लें तो एकाग्रता भी बन जाएगी। चूंकि अब काम या तो ऑनलाइन या फिर फोन के माध्यम से हो रहा है, ऐसे में अपनी भाषा या शब्दों पर खास ध्यान दें, ताकि उनके माध्यम से आप अपनी सतर्कता, जागरूकता, शांति, नम्रता आदि के भाव मीटिंग, ऑफिस फोन कॉल्स पर सही तरीके से दर्शा सकें। क्योंकि फोन पर गलतफहमी होने की संभावनाएं रूबरू बात करने से कई गुना ज्यादा होती हैं। खुद को मोटिवेट रखने के लिए कोई रचनात्मक काम लें और उसे पूरा जरूर करें।
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