Best indicator for option trading ऑप्शन ट्रेडिंग कॉल और पुट का फंडा -कब क्या ले ?
Updated: Apr 14
पहले चैप्टर में मैंने यह बताया है की ऑप्शन क्या होता है और यह वर्क कैसे करता है , और इससे आप कैसे कॉल और पुट लेकर पैसे कमा सकते हैं लेकिन इतना जानना काफी नहीं है Iइस चैप्टर में मैं आपको आगे की और बेसिक जानकारी दे रहा हूं सबसे पहले यह समझेंगे कि ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय किन-किन चीजों को समझ कर कॉल और पुट लेना चाहिए I
सेलर और बायर के बीच में जो एक एग्रीमेंट बनता है उसे ओपन इंटरेस्ट कहा जाता है Iयह एग्रीमेंट वीकली भी हो सकता है और मंथली भी हो सकता है Iअगर बैंक निफ़्टी की बात करें तो यह फ्राइडे को स्टार्टहोकर गुरुवार को खत्म हो जाती है बैंक निफ्टी का एक लॉट 25 क्वांटिटी का आता है जो कि हमें8 से ₹10000 के बीच में मिल जाता है I वही अगर इतनी ही क्वांटिटी को अगर सेल[ऑप्शन सेल करके भी हम पैसा कमा सकते हैं लेकिन इसमें हमें ज्यादा इन्वेस्टमेंट की जरूरत पड़ेगी ये ज्यादातर बड़े फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट करते हैं हम यहां बात करेंगे ऑप्शन सेल की ]
करना हो तो हमें एक से डेढ़ लाख रुपए खर्चकरना पड़ सकता है तो इससे हमें यह पता चलता है की एक से डेढ़ लाख रुपए लगाने वाला ऑप्शन सेलर एक ट्रेडर से बड़ा होता है। जहां ऑप्शन सेलर ज्यादा फंड लेकर मार्केट को अपने कंट्रोलमें लेते हैं वही ट्रेडर कम पैसे में उनको फॉलो करके पैसा कमाते हैं I हमें भी ऐसा ही करना है तो मैं इस लेख में वह सारी बारीकियां बताऊंगा जो कि एक ऑप्शन ट्रेडर के लिए जरूरी होता हैI सबसे पहले हम nse-india की वेबसाइट में ऑप्शन चैन को खोलते हैं जो कि कु छ इस तरह सेदिखेगा----
सबसे लेफ्ट साइड में ओपन इंटरेस्ट होगा यानी कि इस लाइन में एक पार्टिकु लर स्ट्राइक प्राइस के लिए ओपन इंटरेस्ट दिखेगा यानी सेलर ने यह दिखने वाली क्वांटिटी कॉल साइड में सेल किया है I वही पुट साइड में एक पार्टीकू लर स्ट्राइक प्राइस के लिए पुट सेल किया गया है , जोकि ओपन इंटरेस्ट के कॉलम मेंदिखेगा यहां यह बात हमेशा ध्यान रखें कि हमें सेलर को फॉलो करना है क्योंकि जहां हम 1.25 क्वांटिटी 8 से10000 में खरीद रहे हैं वही सेलर उसी क्वांटिटी के लिए एक से डेढ़ लाख रुपए खर्च कर रहे हैं I
जिस कालम में सेलर कॉल को ज्यादा सेल कर रहा[जय्दा OI] है तो यह मानकर चलें कि मार्केट बेयरिश यानी नीचे जाएगा I और यदि पुट को ज्यादा सेल कर रहे हैं तो मार्केट बुलिश होगा यानी ऊपर जाएगा I इस प्रक्रिया को कॉल राइटिंग या फु ट राइटिंग कहा जाता हैnse-india की वेबसाइट पर ऑप्शन चैन वाले ऑप्शन को खोलकर हम सबसे नीचे की साइड पर जाकर लेफ्ट और राइट कॉ र्नर पर हम ओपन इंटरेस्ट को देखकर यह समझ सकते हैंकि मार्केट किस डायरेक्शन में जाएगा I
अगला कालम OI का है यानी कि चेंज इन ओपन इंटरेस्ट इसका मतलब यह हैकि जब मार्केट जहां से जिस दिन से ओपन होता है यानी बैंक निफ़्टी का नया लॉट फ्राइडे से स्टार्टहोता है और थर्सडे को खत्म हो जाता है तो इस कंडीशन में स्टा र्टिंग के सारे ओपन इंटरेस्ट वाले कॉलम मेंदिखेंगे लेकिन जैसे-जैसे ट्रेड आगे बढ़ेगा यानि फ्राइडे के बाद मंडे ट्यूसडे तो इस दिन के सारे ओपन इंटरेस्ट यानी कि नए-नए बायर इस पार्टीकूलर स्ट्राइक प्राइस के लिए या तो जुड़ेंगे या यहां सेनिकलेंगे यह सारी चीजें आपको चेंज इन ओपन इंटरेस्ट वाले कॉलम में दिखेंगी I यहां से बड़ी ही आसानी से आप यह अंदाजा लगा सकते हैंकि एक पार्टिकु लर स्ट्राइक प्राइस पर लोग ज्यादा जुड़ रहे हैं या वहां से निकल रहे हैं I यहां पर संख्या प्लस में अगर दिखता है यानी अगर कोई निशान नही होता है तो यह समझना चाहिए कि लोग यहां पर जुड़ रहे हैं यानी पहले के ओपन इंटरेस्ट में कितने लोग आज की डेट में जुड़ रहे हैं I
वही पर अगर यह साइन माइनस में दिखता है तो इसका मतलब की आज की डेट में एक पार्टी कू लर स्ट्राइक प्राइस है कु छ लोग निकल रहे हैं Iअब समझते हैं कि स्ट्राइक प्राइस क्या होता है I मार्केट जिस दिन ओपन होता है वह किसी न किसी प्राइस पर ओपन होगा ही वह उस समय और उस दिन के लिए स्ट्राइक प्राइस होता है I शेयर मार्केट में यह अंदाजा लगाया जाता है कि दिन के हिसाब से या समय के हिसाब से वह शेयर ऊपर जाएगा या नीचे जाएगा अगर हम यह अंदाजा लगाते हैं कि आज मार्केट 100 ,200 ,300 ऊपर से आएगा तो हम ऊपर का कॉल बाय करेंगे और अगर हम यह अंदाजा लगाते हैं कि मार्केट 100 अंक 200 अंक या 300 उनके नीचे जाएगा तो हम पुट बाय करेंगे I
अगर हम दिए गए फोटो को ध्यान से देखें तो उस कॉलम में ओपन इंटरेस्ट के नीचे में आपको डार्क में कलर दिखेगा और एक पार्टिकुलर स्ट्राइक प्राइस के नीचे का कलर रेड कलर में दिखेगा इसका मतलब यह है की उस दिन के लिए एक पार्टिकुलर प्राइस है I
उसके ऊपर की चीजें यानी कि रेड कलर प्राइस जोकि डार्क में दिख रहा है उसे ATM कहा जाता है कॉल साइड में और वही पर नीचे की साइड में जो वाइट कलर में दिखता है उसे OTM कहा जाता है I ATM ऐसे समझें कि यह स्ट्राइक प्राइस को मार्केट कवर करते हुए आगे बढ़ चुका है और वाइट कलर में दिखने वाला OTM अभी आने वाला है इसी तरह पुट साइड में भी आपको वाइट कलर में OTM दिखाई देगा यानी कि मार्केट अगर रिवर्स जाता है तो यह प्राइस फुट साइड काम करेगी I
FIG-03 यानी इसको ऐसे समझें कि अगर बैंक निफ़्टी 45300 पर ट्रेड कर रहा है और आपको यह लगता है कि मार्केट ऊपर जाएगा तो आपको कॉल बाय करनी है और आप एट द मनी या इन द मनी से कोई भी स्ट्राइक प्राइस आप ले सकते हैं वैसे ही अगर आपको लगता है कि बैंक निफ़्टी 45300 से नीचे जा सकती है तो आप पुट सेक्शन से कोई भी स्ट्राइक प्राइस एट द मनी या ITM आप ले सकते हैं यह आपका चॉइस होगा I ले किन यह कै से पता चलेगा कि उस दिन मार्केट या एक पार्टिकु लर प्वाइंट से मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे जाएगा तो इसके लिए आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए जिसमें पूरी बात को विस्तार से बताई गई है ऑप्शन बायर को हमेशा एक बात को ध्यान में रखना है कि जब भी आप ट्रेड करें और आपको लगता हैकि मार्केट या तो ऊपर जाएगी या नीचे जाएगी तो इस कं डीशन में आप हमेशा AT THE मनी या इन द मनी का ऑप्शन ही परचेंज करें क्यों कि अगर आप आउट ऑफ द मनी कम पैसे के चक्कर में आप लेते हैं और मार्केट अगर वहां तक नही पहुंचता है तो आप का प्रीमियम जीरो हो सकता है और दू सरे केस में अगर एट द मनी इन द मनी होगा और मार्केट उस रेट पर भी क्लोज होता है तो आपको प्रॉफिट होगा I और इस बात का भी ध्यान रखें कि जब भी आप ऑप्शन चैन का एनालिसिस कर रहे हो तो OTM में ही एनालिसिस करें I
अब हम इस nseindia वेबसाइट की मदद से रेजिस्टेंस और सपोर्ट ढूढेंगे और यह पता लगाएंगे की मार्केट किस रेंज में मूव करेगा और उसका डायरेक्शन कॉल साइड जाने की उम्मीद है या पुट साइड जाने की उम्मीद है यह सारी जानकारी में अगले चैप्टर यानी कि नौकरी से आजादी चैप्टर 3 में दूंगा I
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